शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

आसमान के रंग



तीनों तस्वीरें अभिमन्युने ली हैं. 

सूर्योदय- 2012



2012 के नये साल का यह सूर्योदय है- कोहरे के बीच- सुबह टहलते वक्त मैंने ये तस्वीरें खींची थी...

सूर्योदय- 2011



भोर वाली ट्रेन से अररिया से कटिहार जाते वक्त सूर्योदय की ये तस्वीरें हैं- अभिमन्यु की खींची हुई... (बीच वाली तस्वीर मेरी खींची हुई है.)

सूर्योदय- 2010





मैं स्टीमर से गंगाजी पार कर रहा था- होली (2010) के बाद घर (बरहरवा) से अररिया लौट रहा था- साहेबगंज से मनिहारी घाट की ओर आ रहा था-  भोर में स्टीमर खुला- थोड़ी देर बाद पौ फटा- और तब गंगाजी से उदित हुए सूर्यदेव...

मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012

पनार के तट पर- 2

पनार के तट पर माँ दुर्गा की विदाई- विजयादशमी' 2009, अररिया 


अंशु और अभिमन्यु 


'आसते बोछोर आबार होबे- दुर्गा पूजा आबार होबे...'

पनार के तट पर

पनार एक नदी है- अररिया शहर के किनारे से बहती है. 
2009 की विजयादशमी के रोज हम उस नदी के किनारे गये थे- दुर्गा माँ का विसर्जन देखने के लिए. 
वहीं की कुछ तस्वीरें- 


मैं अपने 12 वर्षीय बेटे अभिमन्यु को लैण्डस्केप फोटोग्राफी के गुर बता रहा था. हमदोनों ने एक ही स्पॉट से एक-एक तस्वीर खींची. अब मैं अनुमान नहीं लगा पा रहा हूँ कि कौन-सी मेरी तस्वीर है और कौन-सी अभिमन्यु की! शायद ऊपर वाली मेरी है और नीचे वाली अभिमन्यु की.  

 यह तस्वीर अभिमन्यु ने ही खींची- कास का एक फूल एक हाथ में थामकर दूसरे हाथ से. खासियत यह है कि फूल के बीच चाँद भी दीख रहा है. पीछे लोगों की भीड़ दीख रही है, जो दुर्गा-विसर्जन देखने के लिए जुट रही थी. 

(विसर्जन की तस्वीरें अगले पोस्ट में)